Hanuman Chalisha in Hindi

हनुमान चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक और व्यक्तिगत दोनों तरह के कई लाभ होते हैं, जिससे यह भक्तों के बीच एक पूजनीय अभ्यास बन जाता है। अवधी भाषा में तुलसीदास द्वारा रचित यह पवित्र भजन, भगवान राम के दिव्य भक्त,भगवान हनुमान के गुणों और कार्यों का गुणगान करता है।

तुलसीदास जी,एक बुद्धिमान व्यक्ति, हनुमान जी  की मदद के कारण भगवान राम को देखने में सक्षम थे। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तुलसीदास जी ने एक विशेष प्रार्थना लिखी जिसे हनुमान चालीसा कहा जाता है। इस प्रार्थना को नियमित रूप से पढ़ना बहुत आसान है, लेकिन इसके अद्भुत फायदे हैं। आइए जानें हनुमान चालीसा पढ़ने से होने वाले अद्भुत फायदों के बारे में।

भक्ति को मजबूत करता है-नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्ति की गहरी भावना पैदा होती है और भक्त और भगवान हनुमान के बीच का बंधन मजबूत होता है।

हनुमान चालीसा के पाठ से बुरी आत्मा भूत प्रेत को भगाए हनुमान जी महावीर हैं अति बलशाली हैं और बुरी आत्माओं भूत प्रेत आदि सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर उसे भी मुक्ति प्रदान करने वाले हैं अगर किसी डरावनी जगह पर जाएं और किसी बुरी आत्मा की अनुभूति हो तो हनुमान चालीसा पढ़ने मात्र से आसपास के भूत प्रेत दूर भाग जाते हैं वह हर बुरी आत्माओं का नाश कर के लोगों को उससे मुक्ति दिलाते हैं जिन लोगों को रात में डर लगता है या फिर डरावने विचार मन में आते रहते हैं उन्हें रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए I

बाधाओं पर काबू पाना- माना जाता है कि हनुमान चालीसा जीवन की बाधाओं और चुनौतियों पर काबू पाने में मदद करती है। यह साहस और दृढ़ संकल्प के साथ कठिनाइयों का सामना करने के लिए हनुमान जी के आशीर्वाद का आह्वान करता है।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो  हनुमान चालीसा पढ़ कर आप शनिदेव की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव कम कर सकते हैं और शनिदेव को खुश कर सकते हैं Iअसल में एक बार हनुमान जी ने शनिदेव की रक्षा की थी और फिर शनिदेव ने खुश होकर यह बोला था कि वह किसी भी हनुमान भक्त का कोई नुकसान नहीं करेंगे और जो हनुमान जी की भक्ति करेगा उसकी शनि की वक्र दृष्टि में भी ज्यादा हानि नहीं होगी I

राहु ग्रह जो कभी कभी हमारे जीवन में परेशानियां पैदा कर सकता है, इन समस्याओं से छुटकारा पाने केलिये प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करके और हनुमान जी के प्रति अपना प्रेम और भक्ति दिखाकर,आप राहु के बुरे प्रभावों से छुटकारा पा सकते हैं और अपना जीवन आसान बना सकते हैं।

सुरक्षा प्रदान करता है-माना जाता है कि प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप नकारात्मक प्रभावों, बुरी शक्तियों और अशुभ संकेतों से दिव्य सुरक्षा प्रदान करता है।

शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है-भक्तों का मानना है कि हनुमान चालीसा का पाठ शारीरिक उपचार और समग्र कल्याण में योगदान दे सकता है।रोग और दुखों से छुटकारा “नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीराहनुमान चालीसा के दोहे में यह बताया गया है कि जो भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है वह सभी प्रकार के रोग और दुखों से छुटकारा पाता है लेकिन इसके लिए भक्ति भी सच्चे मन से की जानी चाहिए I 

एकाग्रता में सुधार- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप, लयबद्ध,एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता में सुधार, उत्पादकता बढ़ाने और दैनिक गतिविधियों में ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है।

कभी-कभी ऐसा होता है कि बहुत प्रयास करने के बावजूद हमारे बहुत से काम अटक जाते हैं और हम हमेशा अपनी किस्मत को कोसते हैं I हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनुष्य को सभी प्रकार के कामों में सफलता मिलने लगती है क्योंकि हनुमान चालीसा के पाठ से तन और मन में सकारात्मक ऊर्जा आ जाती है I

हनुमान चालीसा पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है बहुत से हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले लोगों ने इस बात की पुष्टि की है और हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद अपने आत्मविश्वास को बढ़ा हुआ पाया है I हनुमान चालीसा एक ऐसी प्रक्रिया है जो हनुमान जी के माध्यम से व्यक्ति को उसके अंदर विद्यमान गुणों का बिकास कराती है I इसके पाठ और मनन करने से बल बुद्धि जागृत होती है I हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति खुद अपनी भक्ति और कर्तव्यों का आकलन कर सकता है I हनुमान चालीसा पढ़ने से दिमाग तेज होता है याददाश्त मजबूत होती है और एकाग्रता शक्ति भी बढ़ता है इस कारण बच्चों को और विद्यार्थियों को इसका पाठ करके इसके लाभ से अपनी बुद्धि का विकास कर सकते हैं जिसका असर बच्चों में अवश्य देखने को मिलेगा I

आजकल लोगों को बहुत मानसिक तनाव रहता है I इतनी तनाव रहती है कि रात में चैन की नींद भी नहीं आती, ऐसे में हनुमान चालीसा का पाठ निश्चित ही मानसिक शांति दिलाएगा I

आध्यात्मिक उत्थान-पूरे परिवार के साथ घर पर हनुमान चालीसा का नियमित अभ्यास शांति और आध्यात्मिक उत्थान की भावना पैदा करता है,आंतरिक सद्भाव को बढ़ावा देता है। इस पवित्र भजन का जाप आत्मा को शुद्ध करता है और आंतरिक शुद्धता और धार्मिकता की भावना को बढ़ावा देता है I कहा जाता है कि शुद्ध दिल से हनुमान चालीसा का पाठ करने से विवादों को सुलझाने और रिश्तों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

आर्थिक परेशानी में हनुमान चालीसा का पाठ : हनुमान चालीसा में कहा गया है कि हनुमानजी अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता हैं जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसकी हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं चाहे वह धन संबंधी इच्छा ही क्यों ना हो जब कभी भी आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़े मन में हनुमान जी का ध्यान करके हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दीजिये

भगवान राम से आशीर्वाद प्राप्त करें-भगवान हनुमान की भगवान राम के प्रति भक्ति गहरी है, और चालीसा के माध्यम से, कोई भी हनुमान और राम दोनों से आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।

अंत काल रघुबर पुर जाई जहां जन्म हरी भक्त कहाई “और देवता चित्त धरई हनुमत सेई सर्ब सुख करई” यानी जो व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है और उनकी पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करता है उसके परमधाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है यानी की मृत्यु के बाद जब हमारी आत्मा इस शरीर को छोड़ देगी तब हमारी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति कर प्रभु के परमधाम में स्थान प्राप्त करने के लिए हमें हनुमान चालीसा का पाठ करना एक आसान काम है क्योंकि कलयुग में हनुमान जी जो कलयुग का राजा है वो सबसे जल्दी मनोकामना को सुनते हैं और हमारी आत्मा को जीवन मरण के चक्र से छुड़ाकर मुक्ति प्रदान करते हैं I

जय श्री राम,
जय श्री हनुमान 

 

Hanuman Chalisha in Hindi

II  श्री हनुमान चालीसा II
दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि

बरनउँ रघुबर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं,हरहु कलेस बिकार ॥

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक,उजागर

राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनी-पुत्र पवन सुत नामा I

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी

कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा I

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै 

शंकर सुमन केशरीनंदन,तेज प्रताप महा जग बंदन I

बिद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया I

सूक्ष्म रुप धरि सियहि दिखावा,बिकट रूप धरि लंक जरावा

भीम रुप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र जी के काज सँवारे I

लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुबीर हरसी उर लाये  

                                     रघुपति किन्ही बहुत बडाई, तुम मम प्रिय भरतही सम भाई I                                  

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद साहित अहीसा I

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबी कौबिद कहि सके कहाँ ते

        सहस्त्र बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं       

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना, राम मिलाय राज पद दीह्ना I

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,लंकेश्वर भए सब जग जाना   

युग सहस्त्र जोजन पर भानू ,लिल्ल्यो ताहि मधुर फल जानु I

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही, जलधि लंघी गये अचरज नाही 

दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते I

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे

सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डर ना I

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै

भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै I

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा 

संकट तै हनुमान छुडावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै I

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा 

और मनोरथ जो कोई लावै, सोइ अमित जीवन फ़ल पावै I

चारों युग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा     

साधु संत के तुम रखवारे,असुर निकंदन राम दुलारे I

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,अस बर दीन जानकी माता 

राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के पासा I

तुम्हरे भजन राम को पावै,जनम जनम के दुख बिसरावै 

अंत काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्द्म हरि भक्त कहाई I

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्ब सुख करई 

संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिर्रे हनुमत बलबीरा I

जै जै जै हनुमान गोसाई, कृपा करहु गुरु देव की नाई   

जो शत बार पाठ कर कोई, छूटही बंदी महा सुख होई I

जो यह पढे हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा

                                           तुलसीदास सदा हरि चेरा,कीजै नाथ ह्र्दय महँ डेरा I

                                                                     दोहा

                                                    पवनतनय संकट हरन,मंगल मुरति रुप   

                                                राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥

Hanuman Chalisha lyrics in Hindi

हनुमानाष्टक क्या है

भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रेरक भजन को हनुमान अष्टक कहा जाता है। यह धार्मिक मंत्र आठ वाक्यांशों या “अष्टक” से बना है और यह अक्सर उन भक्तों द्वारा किया जाता है जो हनुमान का आशीर्वाद मांगते हैं। प्रत्येक श्लोक भगवान हनुमान के सर्वोच्च रक्षक और उद्धारकर्ता के रूप में उनकी स्थिति पर जोर देता है, जबकि उनके दिव्य गुणों का उत्कृष्ट वर्णन करता है।

हनुमानाष्टक पाठ करने का लाभ

हनुमान अष्टक का जाप करने के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह भजन भगवान हनुमान के साथ मजबूत जुड़ाव की भावना पैदा करके भक्ति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है। कहा जाता है कि अगर हनुमान अष्टक का नियमित रूप से पाठ किया जाए तो यह जीवन में प्रतिकूलताओं का सामना करने के लिए मानसिक स्पष्टता, शक्ति और धैर्य प्रदान करता है। यह मन को शुद्ध करने और सद्भाव और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने वाला भी माना जाता है।

दुष्ट आत्माओं को दूर रखने और दैवीय सुरक्षा का अनुरोध करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय हनुमान अष्टक है। इसलिए, यदि आप अपने आध्यात्मिक पथ को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जीवन की चुनौतियों का सामना करने का साहस पाना चाहते हैं, या सिर्फ भगवान हनुमान की दिव्य उपस्थिति को महसूस करना चाहते हैं, तो हनुमान अष्टक का पाठ एक गहन परिवर्तनकारी अभ्यास हो सकता है।

हनुमानाष्टक

                                       बाल समय रवि भक्षी लियो तब,तीनहुं लोक भयो अंधियारों 

                                       ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ।

                                       देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।

                                       को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

                                       बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो ।

                                       चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो ।

                                       कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

                                       अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो ।

                                       जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।

                                       हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

                                       रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो ।

                                       ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो ।

                                       चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

                                       बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो ।                       

                                       लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।

                                       आनि सजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

                                       रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।                      

                                       श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो I

                                      आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

                                      बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो ।

                                      देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।

                                      जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

                                      काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।

                                      कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो ।

                                     बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥

                                                                       दोहा

                                                  लाल देह लाली लसे,अरु धरि लाल लंगूर

                                                वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर

अंत में, हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली भक्ति उपकरण के रूप में कार्य करता है जो न केवल किसी के आध्यात्मिक संबंध को मजबूत करता है बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है। ये माना जाता है कि रोजाना 7 बार हनुमान चालीसा पढ़ना अच्छा होता है I इसका पाठ दुनिया भर में अनगिनत भक्तों के लिए सांत्वना, सुरक्षा और दिव्य मार्गदर्शन का स्रोत है।

घर में नित्य हनुमान चालीसा पाठ करें और हनुमान जी के विशेष कृपा से सब खुश रहें I

जय श्री राम
जय श्री हनुमान 
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